किसानों ने कृषि कानूनों को डेथ वॉरंट बताया, उन्हें मनाने में नाकाम सरकार के तीनों मंत्री आज अमित शाह से मिलेंगे
कृषि कानूनों के विरोध में 7 दिन से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को मनाने की सरकार की कोशिश मंगलवार को नाकाम रही। सरकार के साथ 35 किसान संगठनों की 3 घंटे की बातचीत बेनतीजा रही। मीटिंग में सरकार कानूनों पर प्रजेंटेशन दिखाकर फायदे गिनवाती रही, लेकिन किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे। उन्होंने इतना तक कह दिया कि हम कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या फिर शांतिपूर्ण हल।
मीटिंग में सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश मौजूद रहे। तीनों आज गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। किसानों के साथ सरकार 3 दिसंबर को फिर मीटिंग करेगी।
चाय आई तो किसान बोले- धरनास्थल पर आइए, जलेबी खिलाएंगे
3:45 बजे : किसानों और सरकार की मीटिंग शुरू हुई। 4 बजे सरकार की तरफ से किसान नेताओं को चाय ऑफर की गई, लेकिन किसानों ने कहा कि चाय नहीं, हमारी मांगें पूरी करिए। आप धरना स्थल पर आइए, हम आपको जलेबी खिलाएंगे।
4.15 बजे : कृषि मंत्री ने किसानों से आपत्तियां पूछीं। किसान नेता डॉ. दर्शनपाल ने तीनों कानूनों को रद्द करने और MSP की गारंटी देने की बात रखी। इस पर पीयूष गोयल ने टोकते हुए कहा कि हम तीनों बिलों और MSP पर एक PPT तैयार करके लाए हैं, वो देख लें, फिर आगे बात करेंगे।
5.15 बजे : केंद्रीय राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने कहा कि ये तीनों कानून आप किसानों के फायदे के लिए हैं। किसान बोले कि हमारी जमीनें बड़े कॉरपोरेट ले लेंगे। आप कानून में कॉरपोरेट को मत लाइए। ये कानून किसानों के लिए डेथ वारंट हैं।
6.45 बजे : किसान नेताओं ने कहा जब तक फैसला नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद तोमर बोले कि 3 दिसंबर को फिर मीटिंग करेंगे।
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