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बिहार में 23% वोटरों की उम्र 30 से कम, इन्हें रिझाने के लिए पार्टियों ने युवा नेताओं को आगे किया; लेकिन नई पीढ़ी चाहती क्या है?

अगर आप युवा हैं और बिहार के हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। वो इसलिए, क्योंकि चुनावों में आपको रिझाने के लिए पार्टियों ने युवा नेताओं को काम पर लगा दिया है। चुनावों में युवा इसलिए भी जरूरी हो जाते हैं, क्योंकि इनकी संख्या ज्यादा होती है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में 7.29 करोड़ वोटर हैं। इनमें से 5.11 करोड़ वोटर ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 साल से कम है। इनमें भी 1.67 करोड़ वोटरों, यानी 23% की उम्र तो 30 साल से भी कम है। अगर ये एक तरफ चले जाएं, तो किसी की भी सरकार बना सकते हैं।

यही वजह है कि इन युवा वोटरों को रिझाने के लिए पार्टियों ने युवा नेताओं को आगे कर दिया है। चाहे तेजस्वी यादव हों या चिराग पासवान। तेजस्वी सूर्या हों या देवेंद्र फडणवीस या फिर अशोक चौधरी। इन सभी के एजेंडे में युवा हैं और उन्हीं को ध्यान में रखकर कार्यक्रम तय कर रहे हैं।

राजद का वादा, 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे

लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद पर अक्सर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगता रहा है। लेकिन, इस बार पार्टी इससे उबरना चाहती है। तभी तो 30 साल के तेजस्वी यादव ने वादा किया है कि अगर उनकी सरकार बनी, तो 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे।

पता चला है कि राजद ने इसका खाका भी तैयार कर रखा है। असल में तेजस्वी जानते हैं कि 10 लाख नौकरी के लालच में अगर उन्हें 5 करोड़ युवा वोटरों में से आधों ने भी वोट दे दिया, तो उनका काम बन जाएगा।

चिराग का नारा- बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट

लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान फिल्मी दुनिया को छोड़कर राजनीति में आए हैं। 37 साल के ही हैं। उन्होंने युवाओं को रिझाने के लिए नया नारा दिया है और वो है ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’। लोजपा बिहार में अस्तित्व की लड़ाई भी लड़ रही है। क्योंकि, पार्टी का प्रदर्शन चुनावों में उतना बेहतर नहीं होता। शायद यही वजह है कि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक खींचतान चल रही है।

लोजपा अभी एनडीए का हिस्सा है। वही एनडीए, जिसका हिस्सा नीतीश कुमार की जदयू भी है। रोजगार के मुद्दे पर भी चिराग अक्सर नीतीश सरकार को घेरते रहे हैं।

भाजपा ने तेजस्वी सूर्या और फडणवीस को उतारा

खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताने वाली भाजपा इन युवाओं को भला कैसे नकार सकती है। इसलिए तो उसने दो नेताओं को मैदान में उतारा है। पहले हैं देवेंद्र फडणवीस, जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। 50 साल के फडणवीस की गिनती भाजपा के युवा नेताओं में तो होती ही है, साथ ही वो कामयाब भी रहे हैं। फडणवीस को बिहार चुनाव का प्रभारी बनाया गया है।

उनके अलावा हाल ही में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तेजस्वी सूर्या भी बिहार चुनाव के काम में लगे हैं। 29 साल के तेजस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के अगले ही दिन से बिहार चुनाव में लग गए। फडणवीस और तेजस्वी सूर्या ने बिहार पहुंचते ही सबसे पहले युवाओं के साथ संवाद किया। इस कार्यक्रम का नाम रखा टाउन हॉल।

युवाओं को रिझाने के लिए जदयू ने अशोक चौधरी को चुना

युवा वोटरों को रिझाने के लिए जदयू ने अपने सबसे तेज तर्रार नेता अशोक चौधरी को प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। अशोक चौधरी नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं। इनकी उम्र है तो 53 साल, लेकिन युवाओं के बीच इनकी अच्छी पैठ है।

इन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर जदयू ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं। पहला निशाना तो युवाओं पर, क्योंकि चौधरी पढ़े-लिखे डॉक्टरेट युवा हैं, एनर्जेटिक हैं। दूसरा दलित वोटरों को, क्योंकि चौधरी दलित हैं।

लेकिन, कैसा बिहार चाहते हैं युवा?

पटना के सगुना मोड़ इलाके में सुमंत मजूमदार रहते हैं। पिछले 6 साल से कोलकाता की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब कर रहे थे। लॉकडाउन लगा तो वापस आ गए। सुमंत मानते हैं कि नीतीश सरकार में बिहार में काफी बदलाव तो हुआ है, लेकिन अभी और बदलाव की जरूरत है। सुमंत कहते हैं कि नई सरकार एजुकेशन सिस्टम को तो मजबूत करे ही, साथ ही यहां रोजगार के भी अवसर बनाए, ताकि लोगों को बाहर जाकर नौकरी न करना पड़े। सुमंत पिछली बार वोट नहीं डाल पाए थे, लेकिन इस बार वोट डालने के बाद ही कोलकाता लौटेंगे।

यहीं बुद्धा कॉलोनी में शिवानी स्वराज रहती हैं। 2014 में दसवीं पास की थी। बाद में आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गईं। होली में घर आई थीं और जॉब के लिए दोबारा दिल्ली जाना चाहती थीं, लेकिन लॉकडाउन लग गया। शिवानी चाहती हैं कि नई सरकार में युवा और नया चेहरा सामने आए, जो बिहार के सिस्टम को एडवांस करे।

मुजफ्फरपुर के रहने वाले आदर्श बैंगलुरु में आईटी सेक्टर में जॉब करते हैं, लेकिन अभी घर से ही वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। इनका मानना है कि नीतीश सरकार में पटना में तो बहुत डेवलपमेंट हुआ है, लेकिन बाकी शहरों में अभी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। आदर्श कहते हैं कि जिस तरह दूसरे शहरों में आईटी हब है, वैसा ही बिहार में भी हो। कुछ इसी तरह ही की उम्मीद मुजफ्फरपुर के ही रहने वाले अपूर्व भी करते हैं।



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Bihar Election 2020: Young Voters Age-Group Update | Tejashwi Yadav (RJD) Vs Tejashwi Surya (BJP), Chirag Paswan (LJP) | Bihar (Vidhan Sabha) Assembly Election 2020 News


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