अस्पताल जाने से डर रहे हैं तो स्मार्टफोन पर लें डॉक्टर की सलाह, अच्छे कैमरा और इंटरनेट का रखें ध्यान; 9 तरीके इलाज को आसान बनाएंगे
कोरोनावायरस के डर ने हमें सेहत का ध्यान रखना तो सिखा दिया है, लेकिन इसी डर के कारण हम सेहत को नजरअंदाज भी करने लगे हैं। पहले शरीर में थोड़ी भी परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाह लेते थे, लेकिन अब हम क्लीनिक और अस्पताल जाने से डर रहे हैं। इसी डर के कारण महामारी में एक नई चीज टेलीमेडिसिन ट्रेंड में आई है। अब मरीज डॉक्टर से बातचीत के लिए वीडियो कॉल, ऐप या मैसेजिंग का सहारा ले रहे हैं।
गुजरात के आईओसी वडोदरा में सीनियर कंसल्टेंट सर्जन और सीएमओ डॉक्टर हिमांशु पांडेय के मुताबिक, वे खुद रोज कई मरीजों को डिजिटल तरीकों से सलाह दे रहे हैं। उन्होंने इसे अच्छा कॉन्सेप्ट बताया है। टेलीमेडिसिन आसान है, सरल है और सहूलियत भी है, लेकिन इसको लेकर हमें कुछ सावधानियां भी रखनी होती हैं।
क्या है टेलीमेडिसिन?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, टेलीमेडिसिन का मतलब इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन और आईटी (इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी) का इस्तेमाल कर मरीजों और डॉक्टर में संपर्क बनाना है। इस तरह की सर्विस के जरिए मरीज अपने डॉक्टर्स से कितनी भी दूरी पर रहते हुए मोबाइल, लैपटॉप जैसी डिवाइस की मदद से सलाह ले सकते हैं। महामारी के दौर में आप तकनीक की मदद से स्वास्थ्य की देखभाल के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कर सकते हैं।
9 तरीके जो आपकी टेलीमेडिसिन को सफल बनाने में मदद करेंगे...
- टेलीमेडिसिन से पहले
1. लक्षणों, दवाइयों और सवालों की लिस्ट बनाएं: जब भी वीडियो कॉल या डिजिटल तरीके से डॉक्टर से सलाह लेने जाएं तो पहले अपने लक्षणों की एक लिस्ट बनाएं। लिस्ट में ध्यान से लिखें कि आपको क्या हो रहा है और अब तक आप कौनसी दवाएं ले रहे हैं। दवाओं और लक्षणों के अलावा पहले ही यह तय कर लें कि आप डॉक्टर से क्या सवाल करने वाले हैं, क्योंकि बातचीत के बाद अगर आपको कुछ याद आता है, तो फिर आप क्या करेंगे।
2. पुराने मेडिकल रिकार्ड्स साथ रखें: डॉक्टर से बातचीत से पहले ही पुराने डॉक्टर्स की प्रिस्क्रिप्शन, लैब रिपोर्ट्स और टेस्ट रिपोर्ट्स जैसी चीजों को साथ रखें। ऐसे में अगर टेलीमेडिसिन में शामिल डॉक्टर को इस बात की जरूरत पड़ती है, तो आप उसे आसानी से शेयर कर पाएं। ऐसे में हो सकता है कि आप समय और बार-बार टेस्ट का खर्च बचा लें।
3. तकनीकी तौर पर मजबूत रहें: डॉक्टर से बातचीत की शुरुआत हो, इससे पहले ही अपने इंटरनेट कनेक्शन और बैटरी की जांच कर लें। देख लें कि कहीं आपका स्मार्टफोन अटक तो नहीं रहा है। अगर ऐसा है तो एकबार फोन रिस्टार्ट करना मददगार हो सकता है। इसके अलावा कुछ ऐप्लिकेशन कुछ चुनिंदा ब्राउजर्स पर ही काम करती हैं। ऐसे में पहले ही पूरी जानकारी ले लें।
- टेलीमेडिसिन के दौरान
4. पिक्चर और ऑडियो क्वालिटी सुधारें: याद रखें आप डॉक्टर से अपनी हेल्थ के बारे में बात कर रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि आप एक-दूसरे को ठीक से देख और सुन सकें। बातचीत करने के लिए एक शांत जगह का चुनाव करें और ऐसे लोगों से दूर रहें, जिनकी जरूरत आपको टेलीमेडिसिन के दौरान नहीं है। नजदीक में शोर करने वाली चीजें- जैसे- टीवी, रेडियो को बंद कर दें। अगर वीडियो कॉल पर हैं तो लाइट का भी खास ख्याल रखें।
5. मरीज को साथ रखें: अगर आप घर के किसी सदस्य की तरफ से डॉक्टर से बात कर रहे हैं तो मरीज को साथ रखें। भले ही ज्यादातर चर्चा आप कर रहे हों, लेकिन डॉक्टर को पेशेंट पर नजर रखना जरूरी होता है।
6. दूसरे उपाय खोजें: टेलीमेडिसिन के कारण कई डॉक्टर्स मरीजों से ओवरलोड हैं। अगर बातचीत के दौरान आपका कॉल बीच में अटक रहा है, तो डॉक्टर से किसी और प्लेटफॉर्म पर जाने के बारे में बात करें। इसके लिए आप फेसटाइम या वॉट्सऐप की मदद ले सकते हैं।
7. नोट्स बनाएं: अपने साथ लिखने या टाइप करने की व्यवस्था जरूर रखें। क्योंकि वीडियो या ऑडियो चैट के दौरान डॉक्टर की बताई हुई सलाह और निर्देशों को नोट करना बेहद जरूरी होता है। इससे ट्रीटमेंट के दौरान गलती होने की संभावना भी कम हो जाती है।
- टेलीमेडिसिन के बाद
8. बातचीत को रिकॉल करें: डॉक्टर से सलाह लेने के बाद आप चर्चा के दौरान की गई जरूरी बातों को साफ करें। अगर डॉक्टर ऐसा करना भूल गए हैं, तो उनके ऑफिस में मैसेज के जरिए बताएं कि आप बातचीत से क्या समझे और उनसे पूछें कि सब कुछ सही है क्या।
9. फीडबैक दें: डिजिटल तरीकों से डॉक्टर की सलाह लेने के बाद उन्हें फीडबैक दें। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि टेलीमेडिसिन अच्छी रही या बुरी। आपका फीडबैक देना आपके और दूसरों की फैसले लेने में मदद कर सकता है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kRAbAd
No comments