कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात, छत्तीसगढ़ में महानदी तो मध्यप्रदेश में नर्मदा उफान पर, कई डैम से छोड़ा गया पानी
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में शनिवार तड़के महानदी उफान पर आई तो आसपास के 27 गांव प्रभावित हुए। सरिया और पुसौर के 12 गांव टापू बन गए हैं। प्रशासन और पुलिस के बचाव दल ने बुजुर्ग, महिला, बच्चों समेत 1300 लोगों को निकालकर पुसौर के छिछोरउमरिया और दूसरे राहत शिविरों में शिफ्ट किया। कई परिवार के पुरुष घर में ही रुके हैं ताकि सामान बचा सकें। शुक्रवार देर रात तक कलेक्टर महानदी के जल स्तर की जानकारी लेते रहे और हीराकुद के 46 गेट खुलवाए। शनिवार को दिनभर एसपी के साथ बाढ़ प्रभावित गांव और राहत कार्यों का जायजा लेते रहे।
नाव से लोगों को पहुंचा रहे सुरक्षित स्थान पर
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में पानी भर जाने के कारण होमगार्ड द्वारा नाव भी चलाई गई है। महिमा नगर, डोंगरवाड़ा, संजय नगर, ग्वालटोली, जासलपुर, बालाभेंट, बांद्राभान और धानाबढ़ में नाव से 200 लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया है।
कान्हा को थाली में बैठाकर झुलाया झूला
इंदौर में डोल ग्यारस का पर्व शनिवार को बारिश के बावजूद मनाया गया। कोरोना के कारण डोल निकालने पर पाबंदी है तो बड़ी ग्वालटोली स्थित श्रीराम मंदिर में भक्तों ने अपने कान्हा को थाली में बैठाकर ही झूला दिया।
पहली बार नृत्य-संगीत नहीं, मास्क-दूरी के बीच पूजा
कोरोना काल ने पर्व-त्योहारों का स्वरूप भी बदल दिया है। करमा पर हर साल अखरा गुलजार रहता था। रात भर नृत्य-संगीत होता था। इस बार सब कुछ बदला दिखा। चडरी अखरा में चेहरे पर मास्क और दूरी के बीच महिलाओं ने पूजा की। प्रार्थना की- हे करम देव, कोरोना से मुक्ति दो। फोटो झारखंड के रांची की है।
नर्मदा डैम से दूसरे दिन भी छोड़ा गया पानी
गुजरात के सबसे बड़े बांध सरदार सरोवर नर्मदा डैम से दूसरे दिन भी पानी छोड़ा गया। शुक्रवार को 10 गेट खोलने के अगले दिन 23 गेट खोल दिए गए। भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने को लेकर नर्मदा नदी के किनारे रहने वाले गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। इधर, प्रदेश में कच्छ के अबडासा में सर्वाधिक 8 इंच बारिश होने से कई गांवों का संपर्क कट गया। सूरत-कामरेज में भी पौने 4 इंच बारिश दर्ज की गई। नर्मदा ज़िले के केवड़िया स्थित बांध की अधिकतम ऊंचाई 138.68 मीटर है।
ओरछा-टीकमगढ़ का रपटा डूबा
एमपी-यूपी सीमा पर स्थित माताटीला बांध के शुक्रवार-शनिवार रात 23 में से 20 गेट खोलकर 2.45 लाख क्यूसेक की रफ्तार से पानी बेतवा में छोड़ा गया। माताटीला के गेट पहले दो फीट फिर सुबह 6 बजे छह फीट और आठ बजे के बाद आठ फीट तक खोले गए। जिससे बेतवा नदी उफान पर है।
नदी का जल स्तर बढ़ने से उप तहसील बसई के देवगढ़, चौवाया, हीरापुर और मकड़ारी गांव में खतरा बढ़ गया है। अब अगर गेट की ऊंचाई और बढ़ाई गई तो ये गांव में बाढ़ आ सकती है। माताटीला बांध के गेट खोलने पर ओरछा से निकली बेतवा नदी पर बना टीकमगढ़-ओरछा रपटा (पुल) डूब गया है और आवागमन बंद है।
माताटीला बांध से छोड़ा पानी
माताटीला बांध से शुक्रवार को देर रात छोड़े गए ढाई लाख क्यूसेक पानी के बाद बेतवा नदी उफान पर आ गई है। बेतवा का पानी बुंदेला राजाओं की छतरियों तक पहुंच गया है। टीकमगढ़ में धसान नदी का फ्लो बढ़ने के बाद बानसुजारा बांध के 7 गेट खोले गए हैं। उधर, छतरपुर में ग्राम परेई में शुक्रवार को खेत में भरे पानी में डूबने से बड़े अनुरागी की दो बच्चियों की मौत हो गई।
टूटे पुल से निकल रहे वाहन
छतरपुर के बारीगढ़ से गौरिहार रोड पर रामपुर गांव के पास से निकली केल नदी का पुल आज से करीब 1 साल पहले टूट गया था। पुल के दो पिलर पूरी तरह से नीचे धंस गए थे। जिस पर प्रशासन ने पुल का रास्ता रोककर निकलने के लिए अस्थाई पुलिया का निर्माण कराया था। कुछ दिनों तक इस पुलिया के ऊपर से बड़े वाहन निकलते रहे, लेकिन बरसात के पानी में यह अस्थाई पुलिया बह गई है।
बारिश से क्षेत्र में नदी उफान पर
मप्र के होशंगाबाद जिले के ग्राम मकोड़िया का सड़क संपर्क टूट गया। शनिवार सुबह होशंगाबाद जिला अस्पताल में एक युवक की बीमारी के चलते मौत होने पर मार्ग बंद होने की स्थिति में ग्रामीणों ने रेल पटरी से पैदल चलकर युवक का शव गांव मकोडिया पहुंचाया। गांव के संजय लौवंशी ने बताया कि केदार यादव कुछ दिनों से बीमार था, इसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था। आज गांव जाने के सभी मार्गों पर अधिक पानी होने से डोलरिया से रेल पटरी के रास्ते गांव पहुंचे। जहां गांव में बने मुक्तिधाम में युवक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पानी में अटखेलियां करतीं बतख
फोटो मध्यप्रदेश के उज्जैन की है। यहां के देसाई नगर स्कूल के बाहर तेज बारिश के बीच बतख भी पानी में अटखेलियां करती नजर आईं।
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